जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली, उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर देश की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। इंडिया गठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाए गए पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी, सपा नेता रामगोपाल यादव और शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत समेत कई विपक्षी दलों के प्रमुख नेता मौजूद रहे।
नामांकन के दौरान सुदर्शन रेड्डी के समर्थन में कुल चार सेट नामांकन पत्र दाखिल किए गए, जिन पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, डीएमके नेता तिरुचि शिवा समेत कुल 160 सांसदों ने प्रस्तावक और अनुमोदक के रूप में हस्ताक्षर किए।
दक्षिण भारत से दोनों उम्मीदवार
उपराष्ट्रपति चुनाव में इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि दोनों प्रमुख गठबंधनों — एनडीए और इंडिया — के उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। एनडीए की ओर से तमिलनाडु के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद सीपी राधाकृष्णन चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने बुधवार, 20 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया था।
वहीं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं और गोवा के लोकायुक्त भी रह चुके हैं। उनका जन्म तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में हुआ था।
विपक्ष की एकजुटता का संदेश
नामांकन के मौके पर विपक्षी दलों की एकजुटता दिखी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए सुदर्शन रेड्डी के बयान वाला पत्र भी पोस्ट किया। इस बयान में रेड्डी ने लोकतंत्र की रक्षा और संविधान की मूल भावना को बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई है।
उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने पत्ते खोल दिए हैं और अब मुकाबला दो अनुभवी चेहरों के बीच होगा—एक ओर न्यायपालिका की पृष्ठभूमि से आए बी. सुदर्शन रेड्डी, तो दूसरी ओर राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले सीपी राधाकृष्णन। यह चुनाव सिर्फ व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि देश की राजनीति की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।