जुबिली स्पेशल डेस्क
गाज़ा युद्धविराम पर एक बार फिर चर्चा तेज़ हो गई है। सोमवार को हमास ने मिस्र और क़तर की ओर से पेश किए गए सीजफायर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और अपना जवाब इज़राइल को भेज दिया। अब इज़राइल इस पर अपनी प्रतिक्रिया तैयार कर रहा है।
अल-अरेबिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्ताव में 60 दिन का युद्धविराम और गाज़ा में मौजूद इज़राइली बंधकों की रिहाई का समझौता शामिल है। बताया जा रहा है कि इस डील के ज़रिए क्षतिग्रस्त इलाकों में मानवीय सहायता पहुँचाने का भी रास्ता साफ होगा।
प्रस्ताव में क्या है?
हमास के एक अधिकारी ने बताया कि समझौते में इज़राइल की जेलों में बंद करीब 200 फ़िलिस्तीनी कैदियों, महिलाओं और नाबालिग बच्चों की रिहाई का प्रावधान है। इसके बदले गाज़ा से 10 जीवित और 18 मृत इज़राइली बंधकों को छोड़ा जाएगा। मिस्र के सुरक्षा सूत्रों ने भी इस विवरण की पुष्टि की है।
इसके अलावा, इज़राइली सेना की आंशिक वापसी और गाज़ा में ज़्यादा से ज़्यादा मानवीय सहायता पहुँचाने पर भी सहमति बन रही है। वर्तमान में गाज़ा की 22 लाख आबादी भुखमरी और अकाल जैसे हालात का सामना कर रही है।
हमास क्यों हुआ नरम?
- जानकारों का मानना है कि लगभग दो साल से जारी जंग ने हमास को भारी नुकसान पहुँचाया है।
- जंग से पहले उसके पास 50 हज़ार लड़ाके थे, जिनमें से हज़ारों मारे जा चुके हैं।
- इज़राइल ने उसकी करीब 30% सुरंगें तबाह कर दी हैं, जो रसद और छिपने के लिए अहम थीं।
- शीर्ष कमांडरों के मारे जाने के बाद संगठन में लीडरशिप संकट गहराया है।
- लगातार लड़ाई से हथियारों की भी भारी कमी हो गई है।
यही वजह है कि अब हमास स्थायी समाधान के बजाय अस्थायी युद्धविराम को भी मानने के लिए तैयार हो गया है। माना जा रहा है कि अगर यह समझौता होता है तो गाज़ा में राहत की स्थिति बन सकती है।