- रामनगरी से उठेगा खेलों का परचम, अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकेंगे खिलाड़ी
- डॉ. भीमराव राष्ट्रीय क्रीड़ा संकुल में 48.54 करोड़ की परियोजना लगभग पूरी
- योगी सरकार की पहल से मिलेगा विश्वस्तरीय खेल अवसंरचना का तोहफ़ा
- स्टेडियम के पैवेलियन से लेकर फुट ओवर ब्रिज तक का काम पूरा
अयोध्या। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या अब आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान के साथ-साथ खेलों का नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों के विकास और खेल अवसंरचना को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
इसी क्रम में डॉ. भीमराव राष्ट्रीय क्रीड़ा संकुल का निर्माण तेजी से पूर्णता की ओर है, जो आने वाले समय में रामनगरी के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का माध्यम बनेगा। अयोध्या में अब खेलों का नया इतिहास लिखा जाएगा। आने वाले समय में यह नगरी खेलों की धरती से भी जानी जाएगी।
करीब 4854.26 लाख रुपये की लागत से बन रहे इस क्रीड़ा संकुल में आधुनिक सुविधाओं से युक्त क्रिकेट स्टेडियम, वीआईपी पैवेलियन स्टैंड, फुट ओवर ब्रिज, हैंडबॉल कोर्ट, सिटिंग स्टेप्स और ओवरहेड टैंक जैसे कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। स्टेडियम की फिनिशिंग का कार्य अंतिम चरण में है। इसके बाद खिलाड़ियों को ऐसी खेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिनसे उनकी प्रतिभा और निखरेगी।
2006 से अटका सपना अब होगा साकार
खेल विभाग की यह परियोजना 2006 में शुरू हुई थी, लेकिन लंबे समय तक अधर में लटकी रही। 2023 में सीएनडीएस (CNDS) ने कार्य को गति दी और आज यह संकुल हस्तांतरण की प्रक्रिया में पहुंच चुका है।
इसके पूर्ण होते ही अयोध्या के खिलाड़ियों को अभ्यास और प्रतियोगिताओं के लिए किसी अन्य शहर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
खिलाड़ियों और युवाओं में उत्साह
खिलाड़ी और खेल प्रेमी इस परियोजना को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इस संकुल से अयोध्या खेल मानचित्र पर एक नई पहचान हासिल करेगा।
यहां से निकले युवा खिलाड़ी अब सीधे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे।
योगी सरकार का विज़न यूपी को खेल महाशक्ति बनाना
योगी सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए खेल अवसंरचना, प्रशिक्षण केंद्र, प्रतियोगिताओं और योजनाओं का लगातार विस्तार कर रही है। अयोध्या का यह क्रीड़ा संकुल न केवल प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को निखारेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को खेल महाशक्ति बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
सीएनडीएस के परियोजना प्रबंधक देवव्रत पवार ने बताया कि पहले फुट ओवर ब्रिज और पैवेलियन न होने से खिलाड़ियों को भारी दिक्कत होती थी। अब ये कार्य पूरे हो चुके हैं और हस्तांतरण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।