जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच खटपट की खबरें चर्चा में थीं. कहा जा रहा था कि बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. लेकिन अब इन अटकलों पर संघ की ओर से प्रतिक्रिया आई है.
आरएसएस नेता राम माधव ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि बीजेपी और आरएसएस एक ही वैचारिक परिवार का हिस्सा हैं और दोनों संगठनों के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है. उन्होंने कहा, “दोनों संगठन राजनीति और समाज सेवा के अपने-अपने क्षेत्रों में काम करते हैं. ऐसे कयास समय-समय पर लगाए जाते हैं, लेकिन ये सिर्फ अफवाह हैं. अगर मुद्दा न मिले तो आरएसएस और बीजेपी के मनमुटाव की बातें शुरू हो जाती हैं.”
खटपट की खबरें क्यों आईं सामने?
बीजेपी ने हाल ही में अपने नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा कर दी थी, लेकिन अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान नहीं हुआ है. इसी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों संगठनों में सहमति नहीं बन पा रही है. इसके अलावा, संघ प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान—जिसमें उन्होंने राजनीति में 75 साल की सीमा का जिक्र किया था—को भी मतभेद की वजह बताया जा रहा था. हालांकि संघ ने इन अटकलों को बेबुनियाद करार दिया है.
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पीएम मोदी के संबोधन पर आरएसएस का रिएक्शन
राम माधव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण की सराहना की, जिसमें पीएम ने आरएसएस के 100 साल के योगदान को मान्यता दी थी. उन्होंने कहा कि पीएम के इस बयान से कार्यकर्ताओं के बीच सकारात्मक संदेश गया है.
“प्रधानमंत्री ने आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ का उल्लेख किया और संगठन के राष्ट्रहित के कार्यों की सराहना की. स्वयंसेवकों को सभी के लिए प्रेरणास्रोत बताया.”