जुबिली न्यूज डेस्क
देश के बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि उन्होंने बिना किसी रियायत के अपनी 20 साल की सजा पूरी कर ली है, इसलिए उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि न केवल सुखदेव यादव, बल्कि देशभर में ऐसे सभी कैदी, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और किसी अन्य मामले में वांटेड नहीं हैं, उन्हें बिना देरी और अतिरिक्त औपचारिकताओं के तुरंत रिहा किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि कानूनन कोई भी व्यक्ति तय अवधि से अधिक समय तक जेल में नहीं रह सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की एक प्रति राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव को भेजने के निर्देश दिए, ताकि इसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों तक पहुंचाया जा सके।
क्या है मामला?
नीतीश कटारा हत्याकांड में 3 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को बिना किसी रियायत के 25 साल की सजा और सह-दोषी सुखदेव यादव को 20 साल की सजा सुनाई थी। यह हत्या 16-17 फरवरी 2002 की रात को हुई थी, जब नीतीश कटारा को एक विवाह समारोह से अगवा कर उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्या की वजह विकास यादव की बहन भारती यादव और नीतीश कटारा के कथित संबंध बताए गए थे।