जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। वोटर लिस्ट में धांधली के आरोपों को लेकर विपक्षी इंडिया गठबंधन का संसद से चुनाव आयोग तक का विरोध मार्च सोमवार को हाई-वोल्टेज ड्रामे में बदल गया। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड कूदकर आगे बढ़े, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी सांसदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
मार्च के दौरान टीएमसी सांसद मिताली बाग की तबीयत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गईं। राहुल गांधी बस से उतरकर उनकी मदद के लिए पहुंचे, उन्हें इलाज के लिए वाहन में भेजा और फिर वापस मार्च में शामिल हो गए।
यह प्रदर्शन बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित “मतदाता धोखाधड़ी” के खिलाफ था।
राहुल गांधी बोले – यह संविधान की रक्षा की लड़ाई
राहुल गांधी ने कहा, “वोट चोरी का सच सामने आ चुका है। यह राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान को बचाने और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत की रक्षा की लड़ाई है। हमें एक पारदर्शी मतदाता सूची चाहिए।”
खरगे का सवाल – सरकार किस बात से डर रही है?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “अगर सरकार हमें चुनाव आयोग तक जाने नहीं दे रही, तो उसे किस बात का डर है? आयोग कह रहा है कि सिर्फ 30 सांसद आएं, लेकिन हम सभी सांसद शांतिपूर्वक मार्च कर रहे थे।”
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार सांसदों को 30 सेकंड भी मार्च करने नहीं दे रही और उनकी स्वतंत्रता छीनी जा रही है।
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दिल्ली पुलिस का बयान
नई दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि चुनाव आयोग ने सिर्फ 30 सांसदों को मिलने की अनुमति दी थी। बड़ी संख्या में नेता मार्च कर रहे थे, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया। ज्वाइंट सीपी दीपक पुरोहित ने कहा कि हिरासत में लिए गए नेताओं को पास के थानों में ले जाकर गिनती की जा रही है।