Thursday - 7 August 2025 - 5:57 PM

Vedio : चुनाव आयोग अब न्यूट्रल नहीं रहा! राहुल का आरोप-अंपायर दूसरी टीम से है

जुबिली स्पेशल डेस्क

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग को निशाने पर लेते हुए वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी और पक्षपात के आरोप लगाए हैं।

उन्होंने कहा कि जब तक चुनाव आयोग और मतदाता सूची की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में है, तब तक चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता संभव नहीं है — चाहे मतदान बैलेट पेपर से हो या ईवीएम से।

राहुल गांधी ने कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि यहां वोटर डेटा में भारी हेराफेरी की गई, जिससे न केवल कांग्रेस को नुकसान हुआ बल्कि पूरे चुनाव के परिणाम प्रभावित हुए।

“यह चुनाव आयोग और सत्ता पक्ष की मिलीभगत है” 

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टीवी9 भारतवर्ष के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा:

“समस्या ईवीएम या बैलेट पेपर की नहीं है, जब तक चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं होगा और वोटर लिस्ट में हेरफेर बंद नहीं होगी, तब तक कुछ भी नहीं बदलेगा। यहां तो अपायर ही दूसरी टीम का है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में व्यापक रूप से फर्जीवाड़ा हुआ है और चुनाव आयोग इसमें शामिल है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि चुनाव व्यवस्था की शुचिता खतरे में है।

महादेवपुरा सीट: आंकड़ों में विसंगति और गंभीर संदेह

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आंकड़े साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में कर्नाटक से 16 सीटें जीतने की संभावना जताई गई थी, लेकिन पार्टी सिर्फ 9 सीटें जीत पाई। इसके बाद 7 अप्रत्याशित हारों की जांच की गई और महादेवपुरा क्षेत्र को चिह्नित किया गया।

उनके अनुसार:

  • बीजेपी को पूरे लोकसभा क्षेत्र में मिले वोट: 6,58,915

  • बीजेपी की कुल बढ़त: 32,707 वोट

  • महादेवपुरा सीट पर बीजेपी को वोट: 2,29,632

  • महादेवपुरा सीट पर कांग्रेस को वोट: 1,15,586

  • केवल इसी सीट पर बीजेपी को 1,14,046 वोटों की बढ़त मिली

राहुल गांधी ने दावा किया कि इस विधानसभा सीट ने बीजेपी की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई और कांग्रेस की जांच में पता चला कि करीब 1 लाख 250 वोट फर्जी या संदिग्ध हैं।

“हमारे पास चुनाव आयोग से मिले पक्के आंकड़े हैं”

राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि ये सभी आंकड़े चुनाव आयोग से प्राप्त हुए हैं और कांग्रेस ने अपने स्तर पर महीनों तक इनकी जांच की है। उन्होंने दोहराया कि वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ का यह मामला सिर्फ एक सीट तक सीमित नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने की बड़ी साजिश का हिस्सा है।


राहुल गांधी का यह बयान आने वाले राजनीतिक माहौल में नए बहस का विषय बन सकता है। अगर विपक्ष अपने इन आरोपों के समर्थन में ठोस प्रमाण पेश करता है, तो चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो सकते हैं।

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