जुबिली न्यूज डेस्क
पटना: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि जेडीयू के करीब दो दर्जन विधायक पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बुधवार (6 अगस्त) को कहा कि जेडीयू में जल्द ही बड़ी टूट देखने को मिलेगी।
‘जेडीयू विधायकों में भारी नाराजगी’
मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाया कि एसआईआर (स्मार्ट इलेक्टोरल रोल) को लेकर जेडीयू विधायकों में गहरा असंतोष है। उन्होंने कहा,”हर विधानसभा क्षेत्र से 25-30 हजार वोट काट दिए गए हैं। जेडीयू विधायकों को हार का डर सता रहा है, क्योंकि उनके अपने समर्थक वोटिंग लिस्ट से बाहर कर दिए गए हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि गरीब, शोषित और वंचित वर्गों के वोट जानबूझकर हटाए गए हैं, जिसे जेडीयू के विधायक भी देख रहे हैं और उनमें आक्रोश पनप रहा है।
‘महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है’
आरजेडी प्रवक्ता ने दावा किया कि आगामी चुनावों में महागठबंधन को बहुमत मिलेगा और जेडीयू के जो विधायक पार्टी छोड़ेंगे, वे महागठबंधन में ही शामिल होंगे।”चुनाव आयोग ने जिन 65 लाख मतदाताओं के नाम काटे हैं, उनकी सूची सार्वजनिक की जाए और यह बताया जाए कि नाम क्यों हटाए गए। चुनाव आयोग अब ‘बीजेपी आयोग’ बन गया है।”
जेडीयू का पलटवार – ‘आरजेडी खुद बिखराव की कगार पर’
आरजेडी के इन दावों पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा,”आरजेडी को पहले अपनी पार्टी संभालनी चाहिए। पता नहीं उनके कौन से नेता कब किस ओर चले जाएं।”
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राजीव रंजन ने कहा कि वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण अभियान पूरी तरह पारदर्शी और सफल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरजेडी को अपनी हार का डर सता रहा है, इसलिए वह जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है।”तेजस्वी यादव को यह भी नहीं पता कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं। आरजेडी सिर्फ मीडिया में बयानबाज़ी करती है, लेकिन जमीनी हकीकत से दूर है।”