Thursday - 31 July 2025 - 3:40 PM

रवि किशन ने संसद में मचाया हंगामा, कर दी ये बड़ी मांग

जुबिली न्यूज डेस्क

नई दिल्ली – संसद के शून्यकाल में बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्टर रवि किशन ने बुधवार को ऐसा मुद्दा उठाया जो हर आम आदमी की जेब से जुड़ा है। उन्होंने मांग की कि ढाबों, रेस्टोरेंट्स और होटलों में मिलने वाले खाने की कीमत, क्वालिटी और क्वांटिटी के लिए सरकार एक सख्त कानून बनाए।

समोसे से शुरू, सिस्टम पर हमला!

रवि किशन ने कहा,“कहीं समोसा बड़ा, कहीं छोटा… कहीं सस्ता, कहीं महंगा। खाने की चीजों के रेट लोकेशन और होटल के स्तर के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। कोई क्वांटिटी तय नहीं है, कोई रेगुलेशन नहीं है।”

उन्होंने तर्क दिया कि देश में करोड़ों लोग रोजाना ढाबों और होटलों में खाना खाते हैं, लेकिन खाने की कीमतों का कोई स्टैंडर्ड नहीं है।

तड़का दाल का उदाहरण देकर बोले – “कहीं 100 की, कहीं 1000 की!”

रवि किशन ने संसद में कहा:“एक ढाबे में तड़का दाल 100 रुपये में मिल रही है, वहीं दूसरी जगह वही दाल 1000 रुपये की है। जब रेसिपी एक है, खाना एक है, तो दाम अलग क्यों?”उन्होंने इस सिस्टम को अमानवीय और असंगठित बाजार बताया, जो उपभोक्ताओं को लूटने की छूट देता है।

पीएम मोदी से की सीधी अपील

बीजेपी सांसद ने कहा,“प्रधानमंत्री मोदी जी ने हर क्षेत्र में बदलाव किए, लेकिन खाद्य दरों के इस बेतरतीब सिस्टम को अभी तक सुधारा नहीं गया। मैं आग्रह करता हूं कि ढाबों से लेकर फाइव स्टार होटलों तक खाने की दरें, क्वालिटी और मात्रा के लिए एक मानकीकरण कानून (Standardization Law) लाया जाए।”

देशभर में क्यों जरूरी है ये कानून?

  1. हर जगह एक ही खाने की अलग-अलग कीमतें – उपभोक्ता भ्रमित और ठगा महसूस करता है।

  2. क्वालिटी और क्वांटिटी में भारी अंतर – बिना मानक के व्यापार।

  3. लाखों रेस्टोरेंट व ढाबों में रोजाना करोड़ों लोग खाना खाते हैं, लेकिन सब अनियंत्रित सिस्टम में।

ये भी पढ़ें-“कंट्रोल किसके हाथ में है? – राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा”

क्या कहता है उपभोक्ता अधिकार कानून?

फिलहाल कोई विशेष केंद्रीय कानून नहीं है जो हर रेस्टोरेंट में खाने की कीमत और मात्रा को एक समान या रेगुलेट करता हो। ग्राहक सिर्फ ओवरचार्जिंग या भ्रामक विज्ञापन की शिकायत उपभोक्ता फोरम में कर सकता है, लेकिन मानकीकरण पर कोई ठोस फ्रेमवर्क नहीं है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com