जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ. करीब ढाई साल बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात को लेकर भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा, “हम दोनों खड़ा नमक हैं। वह बड़े हैं, तो झुकना उन्हीं को पड़ेगा। मेरा क्या है-‘कबिरा खड़ा बाजार में, सबकी मांगे खैर’…। बुलावा आया तो मिलने चला गया।”
बृजभूषण ने बताया कि यह मुलाकात करीब 55 मिनट तक चली, जिसमें दोनों के बीच पुराने गिले-शिकवे दूर करने पर चर्चा हुई। उन्होंने जोर देकर कहा कि “इस बैठक में कोई राजनीतिक बात नहीं हुई, यह एक पारिवारिक संवाद था। जब दिल मिलते हैं, तो वक्त का पता नहीं चलता।”
“मंत्री पद मेरे लिए छोटा मुद्दा है”
मंत्री बनने या अपने विधायक पुत्र प्रतीक भूषण सिंह को मंत्री बनाए जाने के सवाल पर बृजभूषण ने दो टूक कहा, “यह मेरे लिए कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। मैंने कई लोगों को मंत्री और राज्य मंत्री बनवाया है। आज कुछ ऐसे लोग मंत्री हैं जिन्हें जनता देखना तक नहीं चाहती। अगर वे निर्दलीय लड़ें तो पांच वोट न मिलें, लेकिन किस्मत से मंत्री बन गए हैं।”
उन्होंने बेटे प्रतीक को लेकर कहा, “अभी वो इतने गंभीर नहीं हैं कि मंत्री बनें। लेकिन मेहनत करेंगे, जनता से जुड़ेंगे तो भविष्य उनका हो सकता है। राजनीति में सेवा, समर्पण और मेहनत ही असली पूंजी है।”
“जनवरी 2023 से दूरी थी, अब बुलावा आया तो गया”
बृजभूषण के अनुसार, जनवरी 2023 के बाद सीएम योगी से उनका कोई संवाद नहीं हुआ था। उन्होंने बताया कि “जब मेरे खिलाफ आरोप लगे, तभी से मैंने खुद को अलग कर लिया था। सीएम का एक कार्यक्रम उस वक्त रद्द हुआ था और तभी सोच लिया था कि अब तभी मिलूंगा जब बुलावा आएगा।”
उन्होंने इस मुलाकात को पूरी तरह निजी और गैर-राजनीतिक बताया। “आप कह सकते हैं कि यह परिवार के दो सदस्यों की मुलाकात थी। हम दोनों के बीच भावनात्मक जुड़ाव है, कोई राजनीतिक समीकरण नहीं। गोरखपुर मठ से मेरा 56 साल पुराना संबंध है, इसलिए ये रिश्ता सिर्फ राजनीति का नहीं है।”