जुबिली स्पेशल डेस्क
कोलकाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया पश्चिम बंगाल यात्रा पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने तीखा तंज कसा है। उन्होंने पीएम के भाषण में बंगाली भावनाओं और मां काली व मां दुर्गा के आह्वान को लेकर सवाल उठाए हैं।
महुआ मोइत्रा ने शनिवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —“बंगाली वोटों के लिए मां काली का आह्वान करने में थोड़ी देर हो गई। वे ढोकला नहीं खातीं, न ही कभी खाएंगी।”
उनका यह बयान प्रधानमंत्री की दुर्गापुर रैली के एक दिन बाद आया है, जहां मोदी ने मां काली और मां दुर्गा के जयकारों के साथ अपना भाषण शुरू किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि बंगाल की संस्कृति और अस्मिता पर टीएमसी सरकार की नीतियों से खतरा मंडरा रहा है।
संस्कृति और व्यंजन को लेकर बयानबाज़ी
महुआ मोइत्रा का इशारा गुजरात की पारंपरिक डिश ‘ढोकला’ की ओर था, जो प्रधानमंत्री के गृह राज्य की पहचान है। उनका तंज इस बात पर था कि बंगाल की सांस्कृतिक विरासत और पूजा परंपराएं अलग हैं, और बीजेपी को अब बंगाली मतदाताओं को लुभाने के लिए इन पर ध्यान देना याद आ रहा है।
महुआ पहले भी भोजन और सांस्कृतिक थोपने के मुद्दों को लेकर बीजेपी पर निशाना साध चुकी हैं।
उन्होंने यह भी कहा था कि बंगाल के कई काली मंदिरों में मांस और शराब प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है — जो बंगाली आस्था की पारंपरिक अभिव्यक्ति है।
2022 में भी हुआ था विवाद
महुआ मोइत्रा 2022 में भी सुर्खियों में थीं, जब उन्होंने कहा था कि “काली मां मांस और शराब स्वीकार करती हैं”। इस बयान को लेकर देशभर में विवाद हुआ था और उनके खिलाफ कई जगह एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
पीएम मोदी का हमला: “घुसपैठ को बढ़ावा दे रही TMC”
दुर्गापुर रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीएमसी सरकार पर आरोप लगाया कि “अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दिया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि इसके लिए “संगठित इकोसिस्टम” खड़ा किया गया है, जो न सिर्फ़ राज्य बल्कि बंगाली संस्कृति और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा है।
इस दौरान पीएम मोदी ने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। 2025 में यह उनकी दूसरी बंगाल यात्रा है — इससे पहले वह मई में अलीपुरद्वार और कूच बिहार में भी विकास परियोजनाएं शुरू कर चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और दोनों प्रमुख दल टीएमसी और बीजेपी — एक बार फिर आमने-सामने नज़र आ रहे हैं। एक ओर मोदी सरकार विकास परियोजनाओं और राष्ट्रवाद के एजेंडे पर काम कर रही है, वहीं टीएमसी नेताओं ने “संस्कृति और अस्मिता” के मुद्दे को हथियार बनाकर बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है।