जुबिली न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने राजनीतिक जीवन से जुड़े अनुभवों को लेकर सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी राजनीति की कीमत उनके परिवार ने चुकाई है। झूठे आरोप, केस, प्रताड़ना—इन सबका सामना उनके भाइयों और भतीजों को करना पड़ा। इसके बावजूद, वे बीजेपी की विचारधारा से जुड़ी हुई हैं और खुद को पार्टी से अलग नहीं मानतीं।
परिवार को भुगतना पड़ा राजनीति का खामियाज़ा
उमा भारती ने कहा कि चाहे सरकार कांग्रेस की रही हो या भाजपा की, उनके परिवार को हमेशा साजिशों का शिकार होना पड़ा। उनके भाइयों पर लूट और डकैती जैसे झूठे केस लगाए गए और कोर्ट में सभी निर्दोष साबित हुए। उन्होंने बताया कि उनके एक भाई को नगर पालिका अध्यक्ष पद से हटा दिया गया, तो दूसरे भाई ने VRS ले लिया। एक भतीजे को टिकट देना पार्टी की “मजबूरी” थी, कोई एहसान नहीं।
“हर आंदोलन में पार्टी के साथ रही”
उन्होंने बताया कि वे केरल, असम, बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी विस्तार के लिए गईं। मध्य प्रदेश के हर चुनाव में सक्रिय रही हैं। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी छोड़ने के बाद दोबारा बीजेपी में आना नहीं चाहती थीं, लेकिन अब वे पूर्ण रूप से पार्टी के साथ हैं। साथ ही कहा कि मोदी और अमित शाह उनसे नाराज़ नहीं रहते।
व्यापम और जांच एजेंसियों पर जताया भरोसा
उमा भारती ने व्यापम घोटाले में अपने नाम को घसीटे जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि मां की मृत्यु के बाद मेरा नाम क्यों जोड़ा गया? क्या इसलिए कि असली गुनहगारों को बचाया जाए? हालांकि उन्होंने जांच एजेंसियों, सीबीआई और कोर्ट पर पूरा भरोसा जताया।
बीजेपी से अलग नहीं, लेकिन पार्टी अध्यक्ष पद की मंशा नहीं
पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि वे चल नहीं पाती हैं, इसलिए यह संभव नहीं है। लेकिन पार्टी का कोई भी अध्यक्ष बने, वे समर्थन करती रहेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे संगठन की सदस्य नहीं, विचारधारा की अनुयायी हैं।
15-20 साल और करूंगी राजनीति
65 वर्षीय उमा भारती ने कहा कि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ काम किया है। वे उनसे उम्र में 40 साल छोटी हैं और अब भी खुद को सक्रिय राजनीति में बनाए रखने की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं चुनाव भी जरूर लड़ूंगी। अगर जरूरत पड़ी तो मैदान में उतरूंगी।”
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गौ, गंगा और शराबबंदी—अब भी उनका एजेंडा
उमा भारती ने कहा कि गौ सेवा, गंगा सफाई और शराबबंदी उनकी जीवनशैली और विश्वास का हिस्सा हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव की तारीफ करते हुए कहा कि वे गौ अभियान में रुचि ले रहे हैं और “महाकाल का प्रसाद” हैं। हालांकि गंगा मिशन की रफ्तार पर चिंता जताई।