जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लंबे समय से उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही थीं, और अब उन्होंने खुद पद छोड़ने की पुष्टि कर दी है।

पार्टी ने तुरंत एक्शन लेते हुए शशिकांत शिंदे को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है, जो विधान परिषद में एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक हैं। हालांकि, जयंत पाटिल के इस्तीफे के पीछे की मंशा पर राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई है। माना जा रहा है कि वे जल्द ही अजित पवार गुट में शामिल हो सकते हैं।
अजित पवार के संपर्क में जयंत पाटिल?
पार्टी के भीतरखाने से आ रही खबरों के मुताबिक, जयंत पाटिल और अजित पवार के बीच रिश्तों में कभी कड़वाहट नहीं आई। दोनों ने लंबे वक्त तक साथ काम किया है।
अजित पवार गुट के एक वरिष्ठ नेता ने टीवी9 भारतवर्ष को बताया:“अगर जयंत पाटिल अजित पवार के साथ आते हैं, तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। वे अकेले नहीं आएंगे, बल्कि कुछ विधायकों के साथ ही आएंगे।”
सूत्रों का कहना है कि जयंत पाटिल मौजूदा समय में शरद पवार से पूरी तरह दूरी नहीं बनाना चाहते, लेकिन भविष्य को देखते हुए अपने राजनीतिक विकल्प खुले रख रहे हैं।
अकेले गए तो जाएगी विधायकी
जयंत पाटिल ने 2024 का विधानसभा चुनाव शरद पवार गुट के सिंबल ‘तुतारी’ पर लड़ा था। ऐसे में अगर वे अकेले पार्टी छोड़ते हैं, तो उनकी विधायकी पर संकट आ सकता है। लेकिन अगर वे पार्टी के दो-तिहाई विधायकों को साथ लेकर जाते हैं, तो वे एंटी-डिफेक्शन लॉ से बच सकते हैं।
जयंत पाटिल के करीबी सूत्रों के अनुसार,“वो लंबे समय से अध्यक्ष पद छोड़ना चाह रहे थे। उन्होंने यह जिम्मेदारी शरद पवार के कहने पर निभाई। अभी वे कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेंगे।”
पार्टी में मर्जर की भी चर्चा
एक वर्ग यह भी मान रहा है कि यदि जयंत पाटिल अपने समर्थकों के साथ अजित पवार गुट में शामिल होते हैं, तो यह पार्टी मर्जर की शुरुआत हो सकती है। हालांकि इससे शरद पवार की सेक्युलर और स्वतंत्र पहचान पर असर पड़ सकता है, जिसे लेकर पार्टी के कई पुराने नेता आशंकित हैं।
नई जिम्मेदारी संभालेंगे शशिकांत शिंदे
इस्तीफे के बाद शशिकांत शिंदे को एनसीपी (शरद पवार गुट) का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
उन्होंने टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में कहा,“मेरे नाम की चर्चा है, लेकिन आधिकारिक घोषणा पार्टी की 15 जुलाई को होने वाली जनरल मीटिंग में की जाएगी। जयंत पाटिल साहब का फैसला उनका व्यक्तिगत होगा, लेकिन उनके योगदान को सभी मानते हैं।”
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पाटिल के अगले कदम पर टिकी निगाहें
अभी तक जयंत पाटिल ने औपचारिक रूप से पार्टी नहीं छोड़ी है, लेकिन उनका इस्तीफा राजनीतिक संकेत जरूर दे रहा है। आने वाले दिनों में अगर वे अजित पवार खेमे में जाते हैं, तो यह शरद पवार गुट के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
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