बलरामपुर. अवैध धर्मांतरण के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की बलरामपुर के उतरौला इलाके में बनी आलीशान कोठी पर आज प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया। यह कार्रवाई सात दिन पहले जारी नोटिस की डेडलाइन खत्म होने के बाद की गई। कोठी को ग्रामसभा की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया था।
किस जमीन पर थी छांगुर की कोठी?
प्रशासन के मुताबिक, यह कोठी मधपुर की गाटा संख्या 337/370 की 0.0060 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर बनी थी। उतरौला तहसील से जारी नोटिस में साफ चेतावनी दी गई थी कि यदि 7 दिन में अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो बुलडोजर की कार्रवाई की जाएगी। आज पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने कोठी को ध्वस्त कर दिया।
जाति देखकर तय करता था धर्मांतरण का रेट
ATS की जांच में सामने आया कि छांगुर बाबा गरीब, दलित और हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल और पैसों का लालच देकर धर्मांतरण के लिए मजबूर करता था।
उसका नेटवर्क विदेशी फंडिंग से चलता था और उसने 100 करोड़ से अधिक की रकम विदेशों से मंगवाई।
ब्राह्मण और क्षत्रिय लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये तक की दर तय थी।
मुंबई से लेकर बलरामपुर तक फैला था नेटवर्क
ATS के अनुसार, छांगुर ने मुंबई निवासी नवीन रोहरा और उसकी पत्नी नीतू (अब नसरीन) को पहले धर्मांतरित किया और फिर उन्हें बलरामपुर लाकर अपने नेटवर्क का हिस्सा बना लिया।नवीन को पहले ही 8 अप्रैल को गिरफ्तार किया जा चुका है।

नीतू उर्फ नसरीन को भी गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि यह जोड़ा नए धर्मांतरण टारगेट्स को मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार करता था।
कोर्ट क्लर्क और पत्नी भी आरोपी
ATS की रिपोर्ट में उतरौला न्यायालय के क्लर्क राजेश उपाध्याय और उनकी पत्नी संगीता उपाध्याय का नाम भी सामने आया है।
छांगुर ने पुणे में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीद में संगीता को हिस्सेदार बनाया। राजेश पर छांगुर के केसों की पैरवी करने और दस्तावेजी मदद देने का आरोप है। ATS ने दोनों को आरोपी बनाया है और पूछताछ की तैयारी चल रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त रुख
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा: “धर्मांतरण जैसे राष्ट्र विरोधी कृत्य करने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार सबसे कठोर कार्रवाई करेगी। उनकी संपत्तियां जब्त होंगी और ऐसी सजा मिलेगी जो समाज के लिए उदाहरण बनेगी।”
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