जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में हिंदी भाषा की अनिवार्यता को लेकर चल रहे विवाद के बीच राज्य की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। भाजपा नेता और राज्य सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने रविवार को शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने न सिर्फ उद्धव को ‘पलटीबहाद्दर’ कहा, बल्कि दावा किया कि ठाकरे के अपने ही कई सांसद और विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।
उद्धव ठाकरे पर गिरीश महाजन के आरोप:
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“उद्धव ठाकरे भरोसे के लायक नेता नहीं रहे।”
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“वो जल्दी ही अपनी बात से पलट जाते हैं, और उनका आचरण अपरिपक्व है।”
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“उनकी पार्टी के कई सांसद और विधायक हमारे संपर्क में हैं। बहुत जल्द तस्वीर साफ हो जाएगी।”
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“मुख्यमंत्री बनने की चाहत में उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया।”
हिंदी भाषा विवाद: कहां से शुरू हुआ मामला?
पिछले हफ्ते, उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे एक ही मंच पर दिखे — एक ऐसा दुर्लभ दृश्य जिसमें दोनों भाई त्रिभाषा फार्मूले और हिंदी की अनिवार्यता के खिलाफ राज्य सरकार के फैसले का विरोध करते नजर आए।लेकिन भाजपा नेताओं ने उद्धव ठाकरे पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
“जिस नीति का समर्थन किया, अब उसी का कर रहे विरोध”
गिरीश महाजन ने कहा:“जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब माशेलकर समिति की सिफारिशों के आधार पर उन्होंने ही त्रिभाषा नीति को मंजूरी दी थी। उस फैसले की फाइल पर उद्धव के खुद के हस्ताक्षर हैं। अब उसी का विरोध करना पूरी तरह से पलटी मारने जैसा है।”उन्होंने यह भी जोड़ा कि “उद्धव का विरोध सिर्फ विरोध के लिए है, कोई ठोस नीति नहीं है”।
राजनीतिक भविष्य पर भविष्यवाणी
भाजपा नेता ने आगे कहा कि:“आगामी जिला परिषद, पंचायत समिति और नगर निगम चुनावों के नतीजे यह साबित कर देंगे कि जनता किस पर भरोसा करती है। उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर अपनी पहचान खो दी है।”महाजन ने यह भी कहा कि शिवसेना (UBT) अब वैचारिक रूप से दिवालिया हो चुकी है और बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व सिद्धांतों से पूरी तरह भटक गई है।