जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में सक्रिय राजनीति से कुछ समय दूर रहने के बाद आकाश आनंद की जोरदार वापसी हो चुकी है। अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें एक बार फिर पार्टी का भविष्य साबित करने का मौका दिया है, जिसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि बिहार से होने जा रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को आकाश आनंद की “सियासी अग्निपरीक्षा” माना जा रहा है। अगर वे यहां सफल रहते हैं तो उन्हें यूपी की राजनीति में नई भूमिका के साथ दोबारा उतारा जाएगा।
बिहार में मिला बड़ा मिशन
मायावती ने आकाश आनंद को बिहार चुनाव में दलितों के साथ अन्य जातियों को जोड़ने और सामाजिक समरसता का संदेश फैलाने की जिम्मेदारी दी है। बसपा चाहती है कि आकाश को एक परिपक्व नेता और भविष्य के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया जाए।
रामजी गौतम रखेंगे नज़र
बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर रामजी गौतम को आकाश आनंद की रणनीतियों, भाषण शैली और चुनावी प्रभाव पर पैनी नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के भीतर यह माना जा रहा है कि बिहार में उनके प्रदर्शन के आधार पर ही यूपी में उनकी भूमिका तय होगी।अगर आकाश बिहार में असरदार साबित होते हैं, तो UP पंचायत चुनाव से पहले उनका जोरदार “रिलॉन्च” किया जाएगा।
बिहार रैली में दिखा आक्रामक अंदाज
हाल ही में बिहार में बसपा की चुनावी रैली के दौरान आकाश आनंद ने आक्रामक भाषण शैली में राज्य सरकार पर हमला बोला और दलित हितों को लेकर मजबूती से बात रखी। उनका अंदाज़ ऐसा था जो स्पष्ट संकेत देता है कि वह मायावती की कसौटी पर खरा उतरने की पूरी कोशिश में जुटे हैं।
क्या 2027 में यूपी का चेहरा बनेंगे आकाश आनंद?
अगर आकाश आनंद बिहार में राजनीतिक प्रभाव छोड़ते हैं, तो पार्टी उन्हें 2026 के पंचायत चुनावों और फिर 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका में पेश कर सकती है। मायावती की रणनीति साफ है— जनाधार तैयार कर आकाश को एक मजबूत नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करना।
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बसपा में नेतृत्व परिवर्तन की भूमिका अब खुले तौर पर सामने है। मायावती ने बिहार को आकाश आनंद के लिए टेस्टिंग ग्राउंड बनाया है। आने वाले महीने तय करेंगे कि क्या आकाश सिर्फ उत्तराधिकारी हैं या बसपा के लिए एक नया जननेता साबित हो सकते हैं।