जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक से मारपीट की घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच तीखी बयानबाज़ी जारी है। अब इस मामले में सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर से बीजेपी पर तीखा हमला बोला है।
“ट्रंप को पता चला तो डांट पड़ जाएगी” – अखिलेश का तंज
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि “अगर ट्रंप जी को पता चल जाए कि इटावा में ये हुआ है, तो ट्रंप न डांट दें।” उन्होंने कहा कि यह सरकार हर स्तर पर झूठ फैला रही है — चाहे कुंभ हो या मरने वालों का आंकड़ा।
“बीजेपी वाले मीट खाते हैं, लेकिन दुकानें बंद कराते हैं”
अखिलेश यादव ने मीट विवाद को लेकर भी भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “बीजेपी के नेता फ्लाइट में मीट खाते हैं और जमीन पर दुकानें बंद कराते हैं।” उन्होंने उत्तराखंड के मीट बैन को ढोंग बताया और कहा कि सरकार धार्मिक आस्था के नाम पर भेदभाव कर रही है।
इटावा कांड पर तीखी प्रतिक्रिया
इटावा के नूरपुर क्षेत्र में कथावाचक से कथित मारपीट की घटना पर अखिलेश ने कहा कि “कथावाचक पिछले 16 सालों से चोटी रखे हुए हैं। बीजेपी के लोग इस घटना में शामिल हैं। समाजवादी पार्टी हिंसा का समर्थन नहीं करती। मुख्यमंत्री को जातीय संघर्ष रोकने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।”
“बीजेपी संविधान का नाम लेकर सत्ता में आती है, फिर उसे मानती नहीं”
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी संविधान का इस्तेमाल सत्ता में आने के लिए करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसे दरकिनार कर देती है। उन्होंने कहा कि “सेक्युलर और सोशलिस्ट विचारधारा को मानने के लिए बड़ा दिल चाहिए, जो बीजेपी में नहीं है।”
“जनता की जमीन हड़प रही सरकार”
सपा मुखिया ने कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार कंजूस है और जनता की जमीनों पर कब्जा कर रही है। उन्होंने अयोध्या का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले जमीनें खरीदी जाती हैं और फिर उनका सर्किल रेट सरकार बढ़ा देती है, ताकि मुनाफा हो सके।
तेज प्रताप यादव से हुई बातचीत पर क्या बोले अखिलेश?
अखिलेश यादव ने खुलासा किया कि लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव से उनकी वीडियो कॉल पर बातचीत हुई। उन्होंने कहा, “हमारे परिवार से उनके संबंध अच्छे हैं। पहले उन्होंने कॉल किया, फिर मैंने उन्हें वीडियो कॉल किया। मैंने उनसे चुनाव को लेकर सवाल किया, क्योंकि बिहार में चुनाव है।” अखिलेश ने दावा किया कि “बीजेपी बिहार में हार रही है।”
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अखिलेश यादव के तीखे हमले और मीट बैन जैसे संवेदनशील मुद्दों को उठाकर समाजवादी पार्टी अब भाजपा की कथनी और करनी पर सीधा सवाल खड़ा कर रही है। इटावा की घटना ने जातीय और धार्मिक राजनीति के नए मोर्चे खोल दिए हैं।