जुबिली स्पेशल डेस्क
रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने ईरान को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है, जो वैश्विक स्तर पर हलचल मचा सकता है। उन्होंने कहा है कि कुछ देश ईरान को सीधे परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं।
मेदवेदेव का यह बयान ऐसे समय आया है जब 21 जून को अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों — फोर्डो, नतांज और इस्फहान — पर बड़ा हमला किया था। उनका कहना है कि ये हमले न तो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोक पाए और न ही क्षेत्रीय तनाव को कम कर सके। उल्टा, इससे मध्य पूर्व में अस्थिरता और बढ़ गई है।
ट्रंप की नीतियों पर सीधा निशाना
मेदवेदेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें “शांति का नहीं, युद्ध शुरू करने वाला राष्ट्रपति” कहा। उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका अब एक नए संघर्ष में फंस सकता है, जिसमें जमीनी सैन्य कार्रवाई की संभावना लगातार बढ़ रही है।

ईरान का शासन और मज़बूत हुआ
रूसी नेता के मुताबिक, अमेरिकी हमलों से ईरान के राजनीतिक नेतृत्व को नुक़सान नहीं, बल्कि ताक़त मिली है। जहां पहले जनता का एक वर्ग सरकार से नाराज़ था, अब वही लोग आध्यात्मिक नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के समर्थन में खड़े हो गए हैं। इस हमले ने देश में राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काया है और सरकार के प्रति एकजुटता बढ़ाई है।
ईरान की जवाबी कार्रवाई की आशंका
मेदवेदेव ने यह भी कहा कि अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर ईरान की जवाबी कार्रवाई का खतरा लगातार बना हुआ है। उनका यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई बहस को जन्म दे सकता है, खासकर उस समय जब वैश्विक शक्तियां परमाणु हथियारों के फैलाव को रोकने के प्रयासों में लगी हैं।
“ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमले की पुष्टि की है, हालांकि उसने यह दावा किया है कि इन हमलों में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। वहीं, इज़राइल के प्रमुख शहरों – तेल अवीव और हाइफा – को भी ईरानी हमलों में निशाना बनाया गया है।”
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