जुबिली स्पेशल डेस्क
अमेरिका ने रविवार सुबह ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमला किया और उन्हें तबाह करने का बड़ा दावा किया है।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यूएस एयरफोर्स के B-2 बॉम्बर्स ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स — फोर्डो, नतांज और इस्फहान — पर बम गिराए, जिससे इन इलाकों में भारी तबाही हुई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को ‘पूरी तरह सफल’ बताया है। हालांकि, ईरान ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि उसके परमाणु ठिकाने पूरी तरह सुरक्षित हैं और वहां रेडिएशन लीक का कोई खतरा नहीं है।

सैटेलाइट तस्वीरों में क्या दिखा?
अमेरिका के हवाई हमलों से पहले, 19 और 20 जून को ईरान के फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट फैसिलिटी की कुछ हाई-रिजॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरें सामने आईं। ये तस्वीरें MAXAR टेक्नोलॉजी की ओर से जारी की गई हैं, जिनमें साइट पर ट्रक और अन्य वाहनों की असामान्य हलचल देखी गई।
19 जून को तस्वीरों में दिखा कि अंडरग्राउंड मिलिट्री कॉम्प्लेक्स की सुरंग (टनल) के पास करीब 16 कार्गो ट्रक खड़े थे। 20 जून की अगली तस्वीरों में देखा गया कि इनमें से अधिकतर ट्रक एक किलोमीटर उत्तर-पश्चिम दिशा में सड़क पर ले जाए गए। वहीं, मुख्य परिसर के एंट्री पॉइंट के पास और भी कई ट्रक और बुलडोजर देखे गए। एक ट्रक तो सुरंग के एंट्री पॉइंट के ठीक पास खड़ा मिला।
ईरान का बयान – अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा
ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की है। मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने शांतिपूर्ण परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2, पैरा 4 का गंभीर उल्लंघन किया है। यह अनुच्छेद बल प्रयोग पर रोक लगाता है और सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात करता है।
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आपात बैठक बुलाने की मांग की है और कहा है कि अमेरिका को इस हमले के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय नियमों और सिद्धांतों के खिलाफ है।