जुबिली स्पेशल डेस्क
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर चल रही जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। उनके सरकारी आवास में लगी आग की जांच करने वाली तीन सीनियर जजों की कमेटी ने बताया है कि वहां जली और अधजली नकदी मिली है, जो गंभीर सवाल खड़े करती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जस्टिस वर्मा के घर कैश मिलने के पक्के सबूत हैं। इसलिए कमेटी ने उन्हें पद से हटाने की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की है।
यह कमेटी देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश (CJI) द्वारा बनाई गई थी। इसने सिर्फ 10 दिन में 55 गवाहों के बयान दर्ज किए। कम से कम 10 गवाहों ने बताया कि उन्होंने जले हुए नोट देखे हैं।
इस रिपोर्ट के आने के बाद जस्टिस वर्मा के खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है। अब आगे देखना होगा कि न्यायपालिका इस पर क्या कदम उठाती है।
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से कैश मिलने की पुष्टि, जांच रिपोर्ट में अहम निष्कर्ष
जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े कैश कांड में जांच कमेटी की 64 पन्नों की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के आखिरी दो पैराग्राफ में साफ लिखा है कि 30 तुगलक क्रिसेंट, नई दिल्ली में स्थित उनके सरकारी आवास के स्टोर रूम में नकदी पाई गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, बिना जस्टिस वर्मा या उनके परिवार की जानकारी या सहमति के, इतनी बड़ी रकम वहां रखी नहीं जा सकती थी। इससे सवाल उठता है कि इस कैश की जानकारी उन्हें थी या नहीं।
बता दें कि 14 मार्च की रात करीब 11:35 बजे उनके इसी घर में आग लग गई थी। उस वक्त जस्टिस वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट में जज थे और यही उनका आधिकारिक निवास था। आग लगने के बाद जब जांच शुरू हुई, तब यह कैश कांड सामने आया और उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया।