जुबिली न्यूज डेस्क
कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसले में पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि वह राज्य के कर्मचारियों को 25% डीए (महंगाई भत्ता) दे। जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्पष्ट किया कि यह भुगतान तीन महीने के भीतर होना चाहिए। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अगस्त 2025 में तय की है।
केंद्र और राज्य कर्मचारियों के डीए में बड़ा अंतर
फिलहाल पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारी केवल 18% डीए पा रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 55% डीए मिल रहा है। ममता बनर्जी सरकार ने हाल ही में बजट में 4% डीए बढ़ाया था, लेकिन फिर भी राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों से काफी कम महंगाई भत्ता मिलता है।
क्या है पूरा मामला?
-
राज्य सरकार के कई कर्मचारियों ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
-
याचिका में केंद्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर 31% डीए देने की मांग की गई थी।
-
मई 2022 में हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार 31% डीए दे।
-
पश्चिम बंगाल सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
-
28 नवंबर 2022 से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था और अब तक 18 बार टल चुका था।
-
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले में कोई खामी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,“राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों के साथ न्याय करना होगा। डीए कोई खैरात नहीं, बल्कि कर्मचारियों का अधिकार है। इसे समय पर और सही तरीके से दिया जाना चाहिए।”
तीन महीने में भुगतान, अगस्त में अगली सुनवाई
कोर्ट ने ममता सरकार को तीन महीने के भीतर 25% डीए का भुगतान करने को कहा है। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई अगस्त 2025 में होगी, जिसमें आगे की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा