जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा भारतीय वायु सेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति को लेकर की गई टिप्पणी पर देशभर में विवाद खड़ा हो गया है। इस टिप्पणी को लेकर उन्हें चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, अब उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी सफाई दी है।
रामगोपाल यादव का विवादित बयान क्या था?
मुरादाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान रामगोपाल यादव ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में योगदान देने वाले सैन्य अधिकारियों की जातियां गिनाते हुए कहा,“युद्ध एक मुसलमान, एक जाटव और एक यादव ने लड़ा। ये तीनों पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (PDA) वर्ग से आते हैं। ऐसे में भाजपा इस अभियान का श्रेय कैसे ले सकती है?”
इस दौरान उन्होंने विंग कमांडर व्योमिका सिंह, कर्नल सोफिया कुरैशी और एयर मार्शल अवधेश भारती का नाम लेकर उनकी जातियों का उल्लेख किया।
योगी आदित्यनाथ का पलटवार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामगोपाल यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा:“सेना की वर्दी जातिवादी चश्मे से नहीं देखी जाती। वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न सिर्फ उनकी संकीर्ण सोच का प्रतीक है, बल्कि भारतीय सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का घोर अपमान है।”
रामगोपाल यादव की सफाई
विवाद के बाद रामगोपाल यादव ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा:“उत्तर भारत के कुछ राज्यों में जाति और धर्म देखकर एनकाउंटर, फर्जी मुकदमे और संपत्ति जब्ती जैसे काम हो रहे हैं। मैंने सिर्फ इस विकृत मानसिकता की ओर इशारा किया।”उन्होंने यह भी कहा कि अगर “गालीबाजों” को यह पता चल जाता कि व्योमिका सिंह जाटव हैं, तो वे उन्हें भी गाली देने से नहीं चूकते।
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ऑपरेशन सिंदूर और व्योमिका सिंह की भूमिका
‘ऑपरेशन सिंदूर‘ में विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायु सेना की आधिकारिक ब्रीफिंग का चेहरा रहीं, जिनकी गंभीरता और पेशेवराना अंदाज़ को देशभर में सराहा गया। सेना में उनकी भूमिका को लेकर कोई सवाल नहीं था, लेकिन अब यह विवाद विषय को जाति की राजनीति में घसीट लाया है।