जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस के नए वेरिंयट के केस बढ़ने और चीन में निमोनिया जैसी बीमारी को लेकर दुनिया में चिंता है। इसी बीच अमेरिका में जोंबी डियर डिजीज का केस सामने आया है। अमेरिका के येलोस्टोन नेशनल पार्क में इस बीमारी के मामले का पता चला है। जिसके मनुष्यों में फैलने को लेकर भी मेडिकल एक्सपर्ट ने चिंता जताई है।

इस बीमारी को वैज्ञानिक धीमी गति से चलने वाली आपदा कहते हैं। डॉक्टरों को अंदेशा है कि ये पूरे अमेरिका में फैल रहा है। येलोस्टोन नेशनल पार्क में इस बीमारी का केस मिलने के बाद चिंताएं इसलिए बढ़ी हैं क्योंकि इस घातक बीमारी का कोई इलाज नहीं है। यह बीमारी सबसे ज्यादा हिरण में होती है लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि यह मनुष्यों में भी फैल सकता है।
इस बीमारी को क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज (सीडब्ल्यूडी) भी कहा जाता है। अमेरिका की स्वास्थ्य एजेंसी, सीडीसी के अनुसार, ये एक पुरानी और भयानक बीमारी है जो सबसे पहले हिरण, एल्क, रेनडियर, सिका हिरण और चूहों में सामने आती है। यह वायरस, सीडब्ल्यूडी प्रिऑन जानवरों के दिमाग को खा जाता है, जिससे उनकी मौत हो जाती है। इसका कोई उपचार या टीका भी नहीं हैं। ये जानवरों और मनुष्यों दोनों को प्रभावित करता है। हालांकि इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि मनुष्य को जानवरों से सीडब्ल्यूडी प्रिऑन का संक्रमण हो सकता है।
इस बीमारी के लक्षण क्या हैं?
इस बीमारी से दिमाग और रीढ़ की हड्डी में कोशिकाएं असामान्य रूप से मुड़ जाती हैं और आपस में चिपकना शुरू कर देती हैं। संक्रमित होने के लगभग एक साल बाद जानवरों में मनोभ्रंश, लड़खड़ाहट, लार आना, आक्रामकता और वजन कम होना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जो धीरे-धीरे मौत की वजह बन जाता है।
यह एक संभावना है कि ये मनुष्यों में फैल सकता है क्योंकि ये वायरस पकने के बाद भी नहीं मरता है। खासकर अगर मनुष्य संक्रमित मांस खाते हैं तो वह भी इसका शिकार हो सकते हैं। दूसरी ओर जानवरों में यह उनकी लार, मूत्र, मल और खून के माध्यम से फैलता है।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
