जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कर्नाटक में विधान सभा चुनाव से पहले बीजेपी को कांग्रेस ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल बीजेपी के पूर्व एमएलसी बाबूराव चिंचानसुर बुधवार को कमल का साथ छोड़ कांग्रेस से हाथ मिला लिया है।
इसके साथ ही बाबूराव चिंचानसुर ने भाजपा से किनारा करतेहुए इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा विधानपरिषद के सभापति बासवराज होरत्ती के पास भेजा था।
बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस में धमाकेदार एंट्री मारी है। बाबूराव चिंचानसुर वहीं नेता है जिन्होंने कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष एम मल्लिकार्जुन खडग़े को पराजित करने में अहम भूमिका निभायी थी।

चिंचानसुर कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में कोली-कबालिगा समुदाय के एक जाना माना चेहरा माना जाता है। बाबुराव चिंचानसुर ने 2008 से 2018 तक कालाबुरगी जिले में गुरमित्कल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि पिछली सरकार यानी जब कांग्रेस की सरकार थी वो बतौर मंत्री भी थे।
वहीं, इस मामले पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा, “कुछ दिन पहले, चिंचानसुर और उनकी पत्नी मेरे पैरों पर गिर गए और कसम खाई कि वे कहीं नहीं जाएंगे और हम किसी भी चीज के लिए तैयार हैं।” येदियुरप्पा ने कहा कि हो सकता है कि वो किसी दबाव के सामने झुक गए हों।
साल 2018 के चुनाव मिली हार के बाद कांग्रेस छोडक़र बीजेपी में शामिल हो गए थे लेकिन एक बार फिर उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है जब विधान सभा चुनाव करीब है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस को इसका बड़ा फायदा मिल सकता है क्योंकि लोकसभा चुनाव अगले साल होना है।
हालांकि बीजेपी दावा कर रही है कि उसको किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। पार्टी के नेताओं ने इसबात का इनकार नहीं किया उनके जाने से बीजेपी को झटका है लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि उनके आने से पार्टी को आने वाले विधान सभा चुनाव में फायदा हो सकता है।
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