जुबिली न्यूज डेस्क
चालबाज चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। साल 2020 में गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद बीते 9 दिसंबर को तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई। भारतीय सेना ने भी चीनी सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब दिया और उन्हें वापस खदेड़ दिया। चीनी सैनिकों ने भारत में घुसपैठ की गुस्ताखी चीन के इस्टर्न कमांड को हेड करने वाले जनरल के इशारे पर की। आखिर चीन का ये जनरल कौन है, जिसने अरुणाचल इस नापाक हरकत का आदेश दिया था? आइए बताते हैं।

कौन हैं ईस्टर्न थिएटर का कमांडर?
चीन के इस्टर्न थिएटर कमांड के कमांडर लिन जियानगयांग हैं। जियानगयांग चीनी सेना के उन अफसरों में से एक हैं, जिनका पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक समारोह में जनरल के पद पर प्रमोशन किया था। तब वो सेंट्रल थिएटर कमांड को संभाल रहे थे। लिन जियानगयांग को इसी साल जनवरी में चीनी सरकार ने ईस्टर्न कमांड का कमांडर बनाया गया। कमांडर लिन जियानगयांग का जन्म अक्टूबर 1964 फुजियान के हाइको शहर में हुआ था। उन्होंने पीएलए आर्मी इन्फैंट्री एकेडमी से मिलिट्री ट्रेनिंग ली। साल 2016 में उन्हें 47वीं ग्रुप ऑफ आर्मी में कमांडर नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्हें 82वीं और 72वीं ग्रुप ऑफ आर्मी का कमांडर बनाया गया। इसके बाद उन्हें सेंट्रल और फिर ईस्टर्न थिएटर कमांड की जिम्मेदारी मिली। जियानगयांग को जुलाई 2020 में लेफ्टिनेंट जनरल (झोंगजियांग) और सितंबर 2021 में जनरल (शांगजियांग) के पद पर पदोन्नत किया गया था।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किया था प्रमोशन
बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने लिन जियानगयांग समेत 5 अधिकारियों को जनरल बनाया था। इसमें वेस्टर्न थिएटर कमांड के कमांडर वांग हैजियांग, पीएलए नेवी डोंग जून के कमांडर, पीएलए वायु सेना के कमांडर चांग डिंगक्यू, और पीएलए राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जू शुकियांग शामिल थे। वांग हैजियांग फिलहाल वेस्टर्न थिएटर कमांड के कमांडर हैं।
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कई बार कमांडर बदलता रहा है चीन
साल 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद पीएलए ने कई बार थिएटर कमांड के कमांडर बदले हैं। ईस्टर्न थिएटर कमांड में पूर्वी चीन, पूर्वी चीन सागर और ताइवान का इलाका आता है। भारत के लिहाज से जिस तवांग इलाके में झड़प हुई वो इसी क्षेत्र में आता है। हालांकि चीन ने ईस्टर्न थिएटर के जिस याग्त्से इलाके से भारत में दाखिल होने की कोशिश की थी, वहां भारत मजबूत स्थिति में है। दरअसल, ये इलाका 17 हजार फीट की ऊंचाई पर है।
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