जुबिली न्यूज डेस्क
भारत सरकार ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। इससे पहले टूटे चावल के निर्यात पर किसी तरह का शुल्क नहीं लगता था। चावल की बढ़ती हुई कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।

इसके साथ ही, सरकार की ओर से जारी एक अन्य आदेश के तहत गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क वसूला जाएगा। यह आदेश भी आज से लागू होगा। हालांकि, उबले और बासमती चावल के निर्यात को इस प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। गौरतबल है कि भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। वैश्विक चावल उत्पादन में भारत की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
जानें क्यों सरकार ने उठाया ये कदम
राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि मौजूदा खरीफ सीजन में धान फसल का रकबा काफी घट गया है। ऐसे में घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, कुछ राज्यों में बारिश कम होने से मौजूदा खरीफ सीजन में अब तक धान का बुवाई क्षेत्र 5.62 फीसदी घटकर 383.99 लाख हेक्टेयर रह गया है। चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40% है। भारत ने 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल निर्यात किया था। इस दौरान 150 से अधिक देशों को 6.11 अरब डॉलर का गैर-बासमती चावल निर्यात किया गया था।
ये भी पढ़ें-भारत ने चावल निर्यात पर लगाई रोक
ये भी पढ़ें-IND vs AFG Asia Cup: आखिरी मुकाबले में भारत ने अफगानिस्तान को रौंदा, कोहली की सेंचुरी के नाम रहा मैच
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
