जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र की राजनीतिक में जोरदार घमासान देखने को मिला है। शिवसेना के कुनबे के दरार पड़ गई और एकनाथ शिंदे ने बड़ी आसानी से उद्धव ठाकरे को सीएम पद से हटाकर खुद वहां के सीएम बन गए।
उन्होंने बगावती की ऐसी चाल चली कि उद्धव ठाकरे उसे समझ नहीं पाए और विधायकों को अपने पाले में करके बीजेपी से मिलकर खुद मुख्यमंत्री बनकर बैठ गए है। इतना ही नहीं उनकी पूरी नजर पूरी पार्टी यानी शिवसेना पर है।
लेकिन महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने भी हार नहीं मानी है और वो कोर्ट के सहारे शिंदे को सबक सीखाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी मजबूत तैयारी भी की है। उधर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को उस वक्त को बड़ी राहत देते हुए विधानसभा स्पीकर के फैसले लेने पर रोक लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी पर ही सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वह महाराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर को बताएं कि इस याचिका पर फैसले तक वह कोई फैसला न लें। वहीं इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के उन 15 विधायकों को पत्र लिखकर धन्यवाद दिया है, जो उनके साथ हैं। उद्धव ठाकरे ने उन्हें धन्यवाद देते हुए लिखा है कि आप लोगों ने कठिन समय में मेरा साथ दिया है। किसी भी तरह के दबाव या फिर ऑफर को खारिज करते हुए साथ देने के लिए आप लोगों का धन्यवाद।
आज उन्होंने शिवसेना के सभी सांसदों की भी बैठक अपने आवास ‘मातोश्री’ में बुलाई है। हालांकि ये देखना होगा कि इस बैठक में कौन-कौन पहुंचता है। ऐसे में उद्धव के घर पर होने वाली यह बैठक मायने रखती है।
इस बीच अहमदनगर जिले की नेवासा विधानसभा सीट से विधायक शंकर राव गडख ने उद्धव ठाकरे के समर्थन का ऐलान किया है। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में समर्थकों से बातचीत के बाद यह ऐलान किया है। उनका समर्थन करने का एलान बड़ा माना जा रहा है क्योंकि उद्धव ठाकरे शिवसेना के ही विधायक उनका साथ छोडक़र जा रहे हैं।
शंकरराव गडख ने कहा, ‘मुझे शिवसेना और उद्धव ठाकरे की वजह से मंत्री पद मिला। हम जहां हैं वहीं रहने वाले हैं। हम कहीं नहीं जाना चाहते। वह अपने विधानसभा क्षेत्र के इलाके सोनाई में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
