जुबिली न्यूज डेस्क
देश की शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से बिटक्वाइन पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार यह स्पष्ट करे कि बिटक्वाइन लीगल है या नहीं?

शीर्ष अदालत ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान बिटक्वाइन पर अपना रुख साफ करने को कहा। इसमें खास बात यह है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022 में भी डिजिटल संपत्तियों पर कर लगने की बात कही थी।
केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुईं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने सवाल किया, ‘क्या यह अवैध है या नहीं। आपको अपना मत स्पष्ट करना होगा।’
अदालत GainBitcoin घोटाले के एक आरोपी अजय भारद्वाज की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। भारद्वाज पर अपने भाई अमित के साथ मिलकर निवेशकों को भारी रिटर्न का वादा कर बहुस्तरीय मार्केटिंग स्कीम चलाने के आरोप हैं।
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वित्त मंत्रालय के मुताबिक, वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए विशेष कर प्रणाली लागू की गई। किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कर दी दर 30 प्रतिशत होगी।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था, ‘वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों में अंतरणों में असाधारण बढ़ोतरी हुई है। इन अंतरणों की परिमाण और बारम्बारता के कारण यह आवश्यक हो गया है कि इसके लिए एक विशिष्ट कर व्यवस्था का उपबंध किया जाए।’
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