प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है. एक तरफ इस वायरस को खत्म करने की वैक्सीन की तलाश चल रही है तो दूसरी तरफ इस बात का भी अध्ययन चल रहा है कि इस महामारी से बचाव का उपाय क्या है.
हांगकांग में चल रही रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि कोरोना संक्रमण को बढ़ाने में इंसान की आँखें भी एक बड़ी भूमिका अदा कर रही हैं. रिसर्च में पता चला है कि कोरोना संक्रमण आँख के ज़रिये काफी तेज़ी से शरीर में पहुँचता है और इंसान को संक्रमित कर देता है.
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मुम्बई के लोखंडवाला में आँखों के चिकित्सक डॉ. रूपेश कुमार से इस सम्बन्ध में जुबिली पोस्ट की बात हुई तो उन्होंने बताया कि आँख शरीर की वह मुख्य इन्द्री है जो पूरे शरीर का इंडीकेटर है. आँख शरीर का सबसे सेंसटिव हिस्सा है इस नाते संक्रमण सबसे पहले वहीं अटैक करता है. फ़्लू का पहला अटैक भी आँख पर ही होता है.
डॉ. रूपेश का कहना है कि इंसान जो मास्क पहनता है वह उसकी खुद की उतनी रक्षा नहीं करता है जितनी कि दूसरों की करता है. मास्क पहनने वाला दूसरों को संक्रमित नहीं करता है. यही वजह है कि हेल्थ वर्कर पूरे चेहरे को ढंकते हैं. वायरस बालों के ज़रिये भी आक्रमण कर सकता है.
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उनकी राय है कि इस वायरस से बचने के लिए उन लोगों को भी चश्मा लगाना चाहिए जो आँखों में कान्टेक्ट लेंस लगवाये हुए हैं. चश्मा रोज़ धोना चाहिए. किसी दूसरे का चश्मा नहीं लगाना चाहिए. ऑफिस में कम्प्यूटर यूज़ करते समय या तो ग्ल्ब्ज़ पहनें या फिर काम के दौरान आँखों को न छुएं.

कोरोना वायरस को लेकर चल रही रिसर्च में पता चला है कि यह वायरस बर्ड फ़्लू की तुलना में मुंह, नाक और आँखों के ज़रिये सौ गुना तेज़ी से अटैक करता है. कोरोना पर रिसर्च कर रहे डॉ. माइकल चान का कहना है कि कोरोना आँखों के ज़रिये इंसान को तेज़ी से अपना शिकार बना लेता है.
यही वजह है कि लोगों को राय दी गई है कि वह अपनी आँखों को न छुएं. बार-बार अपने हाथों को धोते रहें.
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मुम्बई के लोखंडवाला में आँखों के चिकित्सक डॉ. रूपेश कुमार से इस सम्बन्ध में जुबिली पोस्ट की बात हुई तो उन्होंने बताया कि आँख शरीर की वह मुख्य इन्द्री है जो पूरे शरीर का इंडीकेटर है. आँख शरीर का सबसे सेंसटिव हिस्सा है इस नाते संक्रमण सबसे पहले वहीं अटैक करता है. फ़्लू का पहला अटैक भी आँख पर ही होता है.