न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारी में जोरशोर से जुटी समाजवादी पार्टी (सपा) में अन्य दलों के कद्दावर नेताओं का आना जारी है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के खेमे में सेंध लगाने की कवायद के तहत पार्टी को सोमवार को एक बार फिर सफलता मिली जब मायावती सरकार में कबीना मंत्री रहे राम प्रसाद चौधरी ने समर्थकों के साथ सपा की सदस्यता ग्रहण की।
चौधरी के साथ तीन पूर्व विधायकों और 6 जिला पंचायत सदस्यों समेत 200 से अधिक नेताओं ने पार्टी की सदस्यता हासिल की। बसपा प्रमुख मायावती ने पिछली 23 नवम्बर को अनुशासनहीनता के आरोप में चौधरी को निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद उनके सपा में जाने के कयास लगाये जा रहे थे।
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चौधरी बस्ती से करीब 2 हजार गाडियों के काफिले के साथ सपा के विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय में पहुंचे थे। काफिले में शामिल वाहनो का उन्होने टोल प्लाजा में एडवांस टैक्स भी जमाया कराया था।
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चौधरी को बस्ती मंडल में बसपा का बड़ा चेहरा माना जाता रहा है। वह बस्ती के कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में वह सपा बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे लेकिन उन्हे हार का सामना करना पडा था। मायावती सरकार में उन्हें खाद्य रसद एवं पंचायती राज विभाग का मंत्री बनाया गया था।
सपा की सदस्यता हासिल करने वालों में पूर्व सांसद अरविंद चौधरी, पूर्व विधायक दूधराम, राजेन्द्र चौधरी और नंदू चौधरी शामिल हैं। गौरतलब है कि पिछले शनिवार को मायावती के करीबी रहे सीएल वर्मा और पूर्व मंत्री रघुनाथ प्रसाद शंखवार भी सपा में शामिल हो गए थे। जबकि रविवार को हिन्दू युवा वाहिनी के पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह ने अपने समर्थकों के साथ सपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
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