जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती से जुड़े आरक्षण घोटाले के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। यह सुनवाई दोपहर 12:00 बजे से जस्टिस दीपांकर दत्ता एवं जस्टिस एजी मसीह की पीठ के समक्ष होगी। मामले को लेकर आरक्षण से वंचित अभ्यर्थियों और राज्य सरकार की निगाहें सर्वोच्च न्यायालय पर टिकी हुई हैं।

यह शिक्षक भर्ती इलाहाबाद हाई कोर्ट के 7 दिसंबर 2020 के आदेश के तहत 13 याचिकाओं के अंतिम निर्णय के अधीन बताई जा रही है। इसके बाद 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने इस भर्ती की सूची को आरक्षण घोटाला मानते हुए रद्द कर दिया था। साथ ही अदालत ने निर्देश दिए थे कि भर्ती में आरक्षण के संवैधानिक प्रावधानों को सही ढंग से लागू करते हुए सूची को मूल चयन सूची के रूप में दोबारा तैयार किया जाए।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि इस भर्ती प्रक्रिया में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन किया गया। आंकड़ों के अनुसार, ओबीसी वर्ग को निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण के स्थान पर मात्र 3.86 प्रतिशत लाभ मिला, जबकि अनुसूचित जाति वर्ग को 21 प्रतिशत की जगह केवल 16.2 प्रतिशत आरक्षण ही दिया गया। इसे आरक्षण व्यवस्था के साथ गंभीर अन्याय बताया जा रहा है।
आरक्षण से प्रभावित अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में उन्हें याची लाभ प्रदान करते हुए इस मामले का शीघ्र निस्तारण करे, ताकि वर्षों से लंबित विवाद का समाधान हो सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
आज की सुनवाई को इस मामले में निर्णायक माना जा रहा है, क्योंकि इससे 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती के भविष्य और हजारों अभ्यर्थियों के अधिकारों पर बड़ा असर पड़ सकता है।
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