जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर थाना क्षेत्र का बम्हौर गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। गांव के छोटा पूरा मोहल्ले में रहने वाले एक वर्ग के करीब 40 से अधिक परिवारों ने अपने घरों पर “मकान बिकाऊ है” के पोस्टर चिपका दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे लगातार उत्पीड़न और असुरक्षा की भावना के चलते अब गांव छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।
क्या है मामला?
बम्हौर गांव में 3 जून 2025 को एक बारात के दौरान दो समुदायों के बीच विवाद हो गया था। ग्रामीणों के मुताबिक, बारात में शामिल कुछ युवकों ने महिलाओं और लड़कियों के डांस का वीडियो बनाते हुए छेड़खानी की। विरोध करने पर मारपीट शुरू हो गई, जिसमें 8 लोग घायल हुए थे।
पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर 6 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि घटना के बाद से उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई है।
ग्रामीणों की शिकायतें:
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पूजा-पाठ या शादियों में डीजे बजाने पर रोक
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लड़कियों की वीडियो रिकॉर्डिंग और छेड़छाड़
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बार-बार धमकियां और सामाजिक बहिष्कार
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प्रशासन से शिकायतों के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं
पलायन की चेतावनी
ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी के चलते अब उन्होंने अपने मकान बेचने और गांव से पलायन करने का मन बना लिया है। उनका कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो पूरा मोहल्ला खाली हो सकता है।
प्रशासन का पक्ष
इस मामले में एसपी सिटी मधुबन कुमार सिंह ने कहा कि:“गांव में सभी लोग मौजूद हैं और कोई पलायन नहीं कर रहा। गांव में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात है। घटना की जांच जारी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि गांव में शांति है और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को लेकर भी जांच की जा रही है।
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सवाल जो उठ रहे हैं:
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क्या प्रशासन पीड़ितों की शिकायतों को गंभीरता से ले रहा है?
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क्या कानून व्यवस्था का डर खत्म हो गया है?
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अगर सब कुछ सामान्य है तो फिर “मकान बिकाऊ” पोस्टर क्यों?