Sunday - 7 January 2024 - 5:41 AM

केंद्र ने कहा-RTI के तहत नहीं आता PM CARES फंड, यह सरकारी संपत्ति नहीं

जुबिली न्यूज डेस्क

पिछले साल जब भारत में कोरोना महामारी की शुरुआत हुई तो केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री राहत कोष बनाया था जिसमें आम लोगों से लेकर खास लोगों ने महामारी से लडऩे के लिए सहयोग किया। सरकारी विभागों ने भी बढ़-चढ़कर राहत कोष में पैसा जमा किया था।

प्रधानमंत्री राहत कोष का जब गठन हुआ तभी से वह विवादों में है। चूंकि इसे आरटीआई से बाहर रखा गया है इसलिए इसमें कितनी धनराशि आई या कितना खर्च हुआ इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है। कई लोगों ने आरटीआई दाखिल कर पीएमओ से इसका हिसाब-किताब मांगा गया लेकिन पीएमओ ने जानकारी देने से मना कर दिया।

इस सबके बीच प्रधानमंत्री राहत कोष को लेकर दिल्ली कोर्ट में अधिवक्ता सम्यक गंगवाल ने एक याचिका दायर की है, जिसमें कहा है कि इस कोष को राज्य का घोषित कियाा जाय। अपनी मांग में इस कोष की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इसे क्रञ्जढ्ढ के अधीन लाने की बात कही है।

दिल्ली हाईकोर्ट में पीएम केयर्स फंड को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि यह राहत कोष भारत सरकार के अधीन नहीं बल्कि चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ा हुआ है। इस कोष में आने वाली राशि भारत सरकार की संचित निधि में नहीं जाती है।

केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अदालत में कहा कि, पीएम केयर्स फंड को न तो सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में “पब्लिक अथॉरिटी” के रूप में लाया जा सकता है, और न ही इसे “राज्य” के रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है।

कोष को लेकर प्रदीप श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि यह ट्रस्ट पूरी पारदर्शिता के साथ काम करता है और इसके फंड का ऑडिट एक ऑडिटर द्वारा किया जाता है। पीएम राहत कोष में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस ट्रस्ट को मिले धन और उसका सारा विवरण आधिकारिक वेबसाइट पर डाला जाता है।

यह भी पढ़ें : पहले अमरिंदर और अब उनके करीबियों को किनारे लगाने की तैयारी

यह भी पढ़ें : भारत में सबसे अधिक बच्चे पैदा करते हैं मुसलमान : रिपोर्ट 

यह भी पढ़ें : बिहार : ‘हर घर नल का जल’ में डिप्टी सीएम की बहू, साले और रिश्तेदारों को मिले ठेके

उन्होंने याचिका के जवाब में कहा कि ट्रस्ट को जो भी दान मिले वो ऑनलाइन, चेक या फिर डिमांड ड्राफ्ट के जरिए मिले हैं। ट्रस्ट इस फंड के सभी खर्चों का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर अपडेट करता है।

यह भी पढ़ें :  NDA में महिलाओं की एंट्री पर SC ने कहा-इसी साल से करो शामिल, टाल नहीं…

यह भी पढ़ें :  ब्रिटेन ने कोविशील्ड वैक्सीन को दी मान्यता, लेकिन अब भी है यह पेच

यह भी पढ़ें :  महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई तो होगा ‘दुर्योधन’ और ‘दुशासन’ वाला हश्र : योगी

अधिवक्ता सम्यक गंगवाल द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मार्च 2020 में कोविड -19 महामारी के मद्देनजर देश के नागरिकों को सहायता प्रदान करने के एक बड़े उद्देश्य के लिए क्करू-ष्ट्रक्रश्वस् फंड का गठन किया गया था और इसे अधिक मात्रा में दान मिला।

याचिका में कहा गया है कि ट्रस्ट को लेकर दिसंबर 2020 में पीएम-केयर्स फंड की वेबसाइट पर जानकारी दी गई थी कि यह संविधान या संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून के अधीन नहीं बनाई गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड को अपनी वेबसाइट के डोमेन में ‘gov’ का उपयोग करने से रोकना चाहिए।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com