Wednesday - 10 January 2024 - 4:20 AM

Tag Archives: गजलगोई

पहले डरती थी एक पतंगे से, मां हूं अब सांप मार सकती हूं

प्रमुख संवाददाता लखनऊ. फिराक  बीसवीं सदी के महान शायर थे. खासकर वह अपनी रूमानी शायरी में दिल की नजर से इस दुनिया और दुनियादारी को सामने रखते हैं. गजलगोई में उनका कोई सानी नहीं. यह बात मशहूर शायर हसन कमाल ने कही. वह शायर रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी पर केन्द्रित …

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नयी दृष्टि और भारतीयता के वाहक थे फिराक

प्रमुख संवाददाता लखनऊ. फिराक हिन्दुस्तानी संस्कृति की रूह के विशिष्ट शायर थे. कई भाषाओं के विद्वान भाषण कला में अद्वितीय और गद्य व पद्य दोनों में माहिर थे. उर्दू शायरी के इतिहास में उनका और उनके समय का खास अध्याय है. यह बात अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में दिल्ली विश्वविद्यालय के …

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