Thursday - 11 January 2024 - 5:11 PM

UP में उत्पादन को तैयार कई टेक्सटाइल मिलें

  • छह टेक्सटाइल मिलों में तीन माह में शुरू हो जाएगा उत्पादन
  • तीन वर्षों में लगी 15 टेक्सटाइल मिलें, इनमें 2713 लोगों को मिला रोजगार
  • चार वर्षों में टेक्सटाइल सेक्टर को मिले 8715.16 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ . उत्तर प्रदेश सरकार की इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियां का असर अब टेक्सटाइल इंडस्ट्री (वस्त्र उद्योग) पर दिखने लगा है। इस इंडस्ट्री को बढ़ावा देने संबंधी सरकार की नीतियों के चलते अब सूबे के कई जिलों में टेक्सटाइल मिल उत्पादन को तैयार हैं।

करीब 97 करोड़ रुपए का निवेश कर गाजियाबाद, नोएडा और कानपुर में स्थापित हुई इन टेक्सटाइल मिलों में उत्पादन शुरू होने से 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

अगले तीन माह में इन मिलों में उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके अलावा 10 टेक्सटाइल मिलों की स्थापना के लिए टेक्सटाइल कारोबारियों को सरकार ने भूमि उपलब्ध करा दी हैं।  करीब 442 करोड़ रुपए का निवेश कर स्थापित की जाने वाली इन मिलों में 2713 लोगों को रोजगार मिलेगा।

इसके साथ ही गौतमबुद्धनगर में एक टेक्सटाइल पार्क तथा मथुरा में 300 करोड़ रुपए का निवेश कर स्थापित की जाने वाले एक बड़ी टेक्सटाइल मिल के लिए भी विकास प्राधिकरणों ने भूमि आवंटित कर दी है।

जल्दी ही टेक्सटाइल पार्क तथा टेक्सटाइल मिलों के निर्माण का कार्य शुरू होगा। टेक्सटाइल विभाग के अधिकारियों का यह दावा है। टेक्सटाइल विभाग के अधिकारियों के अनुसार टेक्सटाइल के क्षेत्र में यूपी ने नई उड़ान भर रहा है।

प्रदेश सरकार की इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियां के चलते टेक्सटाइल इंडस्ट्री के बड़े कारोबारियों ने राज्य में निवेश करने में रूचि दिखाई है। बीते चार वर्षों में देश के 66 बड़े उद्योगपतियों का इस सेक्टर में 8715.16 करोड़ रुपए का निवेश करना यह दर्शाता है।

इन 66 टेक्सटाइल मिलों की स्थापना होने पर 5,25,087 लोगों को रोजगार मिलना है। प्रदेश सरकार के प्रयासों से अब तक 66 में से 15 टेक्सटाइल मिलें राज्य में लग गई हैं।

इन फैक्ट्रियों के निर्माण में 756.91 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 4800 लोगों को रोजगार मिला है। इन मिलों की स्थापना से कानपुर टेक्सटाइल के बड़े हब के रूप में उभर रहा है।

कानपुर प्लास्टिपैक लिमिटेड ने कानपुर देहात में दो सौ करोड़ रुपए,आरपी पॉली पैक्स ने पाली बैग के उत्पादन के लिए रनिया में डेढ़ सौ करोड़ रुपए, जीएलकेके इंडस्ट्री ने रूमा कानपुर में फैब्रिक उत्पादन के लिए 25 करोड़ रुपए का निवेश किया है।

इसी प्रकार सृष्टि इंडस्ट्री ने कानपुर देहात में निटिंग फैक्ट्री लगाई है। गैजेस अपैरल ने गारमेंट तथा अनिलिखा फैब्रिक ने होजरी क्लाथ मिल कानपुर में लगाई है।

कानपुर के अलावा राजलक्ष्मी काटन मिल्स ने 50 करोड़ का निवेश कर नोयडा में रेडीमेड गारमेंट और कल्याणी इनरवियर ने गाजियाबाद में इनर गारमेंट की फैक्ट्री लगाई है।

टीटी लिमिटेड ने 50 करोड़ का निवेश कर अमरोहा में गारमेंट और सनविन टेक्सटाइल ने बदायूं में लेस फैब्रिक्स की फैक्टी लगाई है। शुद्ध प्लस हैजीन प्रोडक्ट ने 80 करोड़ का निवेश कर गोरखपुर में सैनेटरी नैपकिन की फैक्टी लगाई है। इस फैक्ट्री में 500 लोगों को रोजगार मिला है।

अधिकारियों के अनुसार, गाजियाबाद, नोएडा और कानपुर में स्थापित की जा रही जिन छह टेक्सटाइल मिलों के निर्माण का कार्य पूरा हो गया है, उनमें में 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

जिन टेक्सटाइल मिलों में उत्पादन शुरू होने को है, उनमें जिंदल हैंडटेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने 55 करोड़ रुपए का निवेश गाजियाबाद में, वीवासिटी होम प्राइवेट लिमिटेड ने 4.24 करोड़ रुपए का निवेश नोएडा में, यूवी गारमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने 10 करोड़ रुपए का निवेश गाजियाबाद में, डीएस एक्सपोर्ट ने 2.5 करोड़ रुपए का निवेश गाजियाबाद में, राकेश इंटरनेशनल ट्रेडिंग कंपनी ने पांच करोड़ रुपए का निवेश गाजियाबाद में और शिवापाली प्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड ने 20 करोड़ रुपए का निवेश कानपुर के जैनपुर क्षेत्र में किया है।

इन छह मिलों के निर्माण का कार्य पूरा हो गया है और इनमें मशीन आदि लगाई जा रही हैं। इस वर्ष के अंत तक इन टेक्सटाइल मिलों में उत्पादन शुरू जाएगा। वहीं 10 टेक्सटाइल मिलों की स्थापना के लिए टेक्सटाइल कारोबारियों को भूमि उपलब्ध करा दी गई हैं।

करीब 442 करोड़ रुपए का निवेश कर स्थापित की जाने वाली इन टेक्सटाइल मिलों में 2713 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही 36.36 करोड़ का निवेश कर टेक्सटाइल मिल लगाने के लिए पांच उद्योगपतियों को जमीन उपलब्ध कराने की कार्यवाही ही जा रहे हैं।

वही गौतमबुद्धनगर में एक टेक्सटाइल पार्क तथा मथुरा में 300 करोड़ रुपए का निवेश कर स्थापित की जाने वाले एक बड़ी टेक्सटाइल मिल के लिए भी विकास प्राधिकरणों ने भूमि आवंटित कर दी है। जल्दी ही टेक्सटाइल पार्क तथा टेक्सटाइल मिलों के निर्माण का कार्य शुरू होगा।

अधिकारियों का कहना है कि टेक्सटाइल सेक्टर में हो रहे निवेश के चलते जल्दी ही यूपी टेक्सटाइल सेक्टर में नई ऊचाई हासिल करेगा, क्योंकि प्रदेश सरकार की नीतियों ने इस सेक्टर को राज्य में अपने पैर जमाने में मदद मिल रही है।

यूपी के इतिहास में यह पहला मौका है जब टेक्सटाइल सेक्टर में बड़े बड़े उद्योगपतियों ने इतना भारी निवेश कर अपनी फैक्ट्री लगाने की पहल की है। चार वर्ष पूर्व इस सेक्टर में बड़े उद्योगपति निवेश करने से परेहज कर रहे थे। तब बड़े उद्योगपतियों के लिए उत्तर प्रदेश भय, दहशत और आशंकाओं का पर्याय था।

राज्य में व्याप्त गुंडागर्दी और लालफीताशाही के चलते बड़े-बड़े उद्योगपति यहां निवेश करने से घबराते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी अगुवाई में इस माहौल को इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियों को लाकर बदला है।

जिसके चलते पहले जो उद्योगपति यूपी में निवेश करने से घबराते थे, अब वही राज्य में करोड़ों रुपए की फैक्ट्रियां लगा रहे हैं। बदले माहौल में देश तथा विदेश के बड़े उद्योगपति उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे सुरक्षित जगह मान रहे हैं।

यही वजह है सूबे के गोरखपुर, कानपुर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मेरठ, जालौन, बदायूं, अमरोहा, गाजियाबाद में रेडीमेड वस्त्र बनाने वाली बड़ी कंपनियां फैक्ट्रियों लगाने के लिए आगे आयी हैं।

रेडीमेड वस्त्र बनाने वाली ये कंपनियां करोड़ों रुपये का निवेश कर रही हैं। इन कंपनियों की मिलों में साल भर के अंदर प्रदेश के हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। वस्त्रोद्योग की निवेश व रोजगार योजना के तहत इन युवाओं कोकाम मिलेगा। इससे यह जाहिर होता है कि यूपी का टेक्सटाइल सेक्टर निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा सेक्टर बनकर उभरा है।

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